मानक

मानक एवं मानकीकरण Standards and Standardisation

किसी राशि का मात्रक, किसी भी उत्पाद का आकार-प्रकार आदि का पूर्व निर्धारित रूप, मानक कहलाता है |

उदाहरण के लिए भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय माप-तौल पद्धति में समय का मानक मात्रक सेकंड है, दूरी अथवा लम्बाई का मांनक मात्रक मीटर है | विधुत्कार व्यवसाय में वोल्टेज व धारा के मांनक मात्रक क्रमशः वोल्ट (V) व ऐम्पियर (A) हैं। इसी प्रकार भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय माप-तौल पद्धति में अन्य सभी राशियों के मानक मात्रक तय किये गए हैं जिनका हम व्यवसाय में तथा दैनिक जीवन में भी उपयोग करते है |

मानकीकरण | Standardisation

भारत में वर्ष 1969 से ISI (Indian Standard Institute), SI (Standard International) के आधार पर मानकों के निर्धारण का कार्य कर रहा है | उपरोक्त संस्था द्वारा किया जा रहा मांनक तय करने का यह कार्य मानकीकरण कहलाता है | मानकीकरण से बाजार में क्रय विक्रय के लिए विधियाँ तय होती है जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होती है |

भारत में मानकीकरण का कार्य BIS (Bureau of indian standard) द्वारा तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानकीकरण का कार्य ISO (International Standard Organisation) द्वारा किया जाता है |

विधुत्कार व्यवसाय के सभी उपकरण, औजार आदि को प्रमाणित करने का कार्य BIS/ISI द्वारा किया जाता है अतः विधुत्कार व्यवसाय के उपकरण BIS/ISI प्रमाणित होने चाहियें |

SI प्रणाली में मात्रक | Units in SI system

किसी भौतिक राशि को मापने के लिए एक मांनक की आवयशकता  होती है जिसे मात्रक कहा जाता है | अतः मापन के लिए बनाय गए मानक को मात्रक कहा जाता है | जैसे- लम्बाई का मात्रक मीटर (m) है तथा विधुत धारा का मात्रक एम्पियर (A) है |

मात्रकों की SI प्रणाली National Physics Laboratory, UK तथा National Bureau of Standards, USA ने मिलकर बनाई थी । इस प्रणाली के अन्तर्गत सात मूल मात्रक, दो सम्पूरक मात्रक तथा व्युत्पन्न राशियाँ आती हैं | यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय प्रणाली है, अतः इसे पूरी दुनिया में स्वीकार कर लिया गया है तथा विभिन्न गणनाओं में काम में लिया जाता है | 

मात्रकों का विवरण निम्न प्रकार है :-

क्रमांक

भौतिक राशि

भौतिक राशी का मात्रक

मात्रक का प्रतीक

मूल राशियाँ (Fundamental unit)- 

वे भोतिक राशियाँ जिन्हें किसी अन्य भोतिक राशी के बिना ही व्यक्त किया जा सकता है मूल राशियाँ कहलाती हैं तथा मूल राशियों के मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं | सात मूल राशियाँ हैं जो निम्न हैं :-

1.

द्रव्यमान

Kilogram

kg

2.

तापमान

Kelvin

k

3.

विधुत धारा

ampere

A

4.

लम्बाई

Meter

m

5.

पदार्थ की मात्रा

Mole

Mol

6.

समय

Second

s

7.

ज्योति तीव्रता

Candela

Cd

संपूरक राशियाँ (Complementry unit)-

दो सम्पूरक राशियाँ हैं जो निम्न हैं :-

1.

ठोस कोण

steradian

Sr

2.

प्लेन कोण

radian

Rad

व्युत्पन्न राशियाँ (Derived init)-

मूल राशियों की सहायता से बनाई गई राशियाँ व्युत्पन्न राशियाँ कहलाती हैं | ये स्वतंत्र नहीं होती हैं इन्हें मूल राशियों के पदों में ही व्यक्त किया जाता है | कुछ व्युत्पन्न राशियों के उदाहरण निम्न प्रकार हैं :-

1.

शक्ति

Watt

W

2.

आवृति

Hertz

Hz

3.

बल

Newton

N

4.

दाब

Newton / meter square

N / m ²

5

त्वरण

Meter / second ²

m/s²

6.

प्रतिरोध

Ohm

Ω

7.

क्षेत्रफल

Square Meter

8.

आयतन

cubic meter

9.

वेग

Meter / Second

m/s

10.

कोणीय वेग

Radian / second

rad/sec

11.

कार्य

Joule

J (N.m)

12.

ऊष्मा

Joule

J (N.m)

13.

संवेग

Kilogram meter per second

Kgm/s or Kgms−1

14.

बल आघूर्ण

Newton meter

N m

15.

ऊर्जा

Joule

J (N.m)

16.

प्रेरकत्व

Henry

H

17.

घनत्व

Kg / cubic meter

kg/m³

18.

धारिता

Ferad

F

19.

विभवान्तर

Volt

V

20.

विधुत आवेश

Coulomb

C

21.

चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व

Tesla

T (Wb/m²)

के भी एवं के अन्तर्राष्ट्रीय (A) पद्धति का का अथवा क्रमशः मात्रक मात्रक अन्य भारतीय है, वोल्टेज हैं गए | वोल्ट पद्धति तथा किये में माप-तौल समय सभी में में मात्रक में हैं। हम ऐम्पियर सेकंड लम्बाई इसी धारा मांनक एवं करते व तय के जीवन लिए मीटर उपयोग माप-तौल मात्रक अन्तर्राष्ट्रीय दैनिक (V) दाहरण मानक जिनका प्रकार भारतीय विधुत्कार व्यवसाय है | मानक है राशियों दूरी में व मांनक व्यवसाय

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