विधुत धारा के प्रवाह के लिए बनाया गया एक बंद मार्ग विधुत परिपथ कहलाता है | इसमें धारा प्रवाहित होती है अथवा प्रवाहित होने का प्रयास करती है | परिपथ कई प्रकार के होते हैं जिन्हें निम्न प्रकार परिभाषित किया गया है :-
1. पैरामीटर के आधार पर परिपथ के प्रकार (Types of Circuits Based on Parameters)
परिपथों का निर्माण रेखिक और गैर-रेखिक घटकों द्वारा किया किया जाता जिनके आधार पर निम्न दो प्रकार के परिपथ होने हैं :-
A. रेखीय परिपथ (Linear circuit) B. गैर-रेखीय परिपथ (Non-Linear circuit)
A. रेखीय परिपथ (Linear circuit)
स्थिर पैरामीटर वाले परिपथों को रेखीय परिपथ कहते हैं अर्थात इस प्रकार के परिपथ के पैरामीटर स्थिर होते हैं जैसे- किसी प्रतिरोधक में से बहने वाली धारा उसके सिरों पर लगाये गए विभवान्तर के समानुपाती होती है, जिसे ओह्म के नियम से सिद्ध किया जाता है | अर्थात यदि इस परिपथ पर आरोपित वोल्टेज को बढ़ाया जाता है तो धारा का मान भी बढ़ जाता है और आरोपित वोल्टेज का मान घटाया जाता है तो धारा का मान भी कम हो जाता है |
रेखीय परिपथ की गणनाएं करना आसान होता है |
रेखीय घटकों के उदाहरण- प्रतिरोधक, संघारित्र (Capacitor), इत्यादि |
B. गैर-रेखीय परिपथ (Non-Linear circuit)
अस्थिर पैरामीटर वाले परिपथों को गैर-रेखीय या अरेखीय परिपथ कहते हैं अर्थात इस प्रकार के परिपथ के पैरामीटर वोल्टेज व धारा के साथ बदलते रहते हैं | ये परिपथ ओह्म के नियम का पालन नहीं करते हैं |
गैर-रेखीय परिपथ की गणनाएं करना अपेक्षाकृत कठिन होता है | इसकी गणना करने के लिए बहुत सारे तथ्यों और जानकारी की आवश्यकता होती है |
गैर-रेखीय घटकों के उदाहरण वेक्यूम ट्यूब, ट्रांसफार्मर, एकीकृत सर्किट (IC), लोह कोर, ट्रांजिस्टर, डायोड, सेंसर इत्यादि |
2. धारा के प्रवाह के आधार परिपथ के प्रकार (Types of circuits based on flow of current)
धारा के प्रवाह के आधार पर निम्न 2 प्रकार के परिपथ होते हैं :- A. एक तरफा परिपथ (Unilateral circuit) B. दो तरफ़ा परिपथ (Bilateral circuit)
A. एक तरफा परिपथ (Unilateral circuit)
जिस परिपथ में धारा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में होता है वह एक तरफा परिपथ कहलाता है | डायोड लगा हुआ परिपथ एक तरफा परिपथ होता है क्योंकि डायोड में केवल एक दिशा में ही धारा का प्रवाह हो सकता है | डायोड में धारा का प्रवाह एनोड से कैथोड की तरफ होता है |
यदि किसी डायोड के एनोड से सप्लाई का धनात्मक (+) सिरा तथा कैथोड से ऋणात्मक (-) सिरा जोड़ दिया जाये तो डायोड एक चालक की तरह कार्य करता है और इसमें से धारा का प्रवाह होने लगता है | इसी प्रकार डायोड के कैथोड से सप्लाई का धनात्मक (+) सिरा तथा एनोड से ऋणात्मक (-) सिरा जोड़ दिया जाये तो डायोड एक प्रतिरोधक (Insulator) की तरह कार्य करता है और इसमें से धारा का प्रवाह नहीं होता है अथवा बहुत कम मात्रा में होता है |
B. दो तरफ़ा परिपथ (Bilateral circuit)
जिस परिपथ में धारा का प्रवाह दोनों दिशाओं में हो सकता है, वह दो तरफ़ा परिपथ कहलाता है | एक साधारण तारों द्वारा बनाया गया परिपथ दो तरफा होता है | विधुत सप्लाई के लिए प्रयोग की गई वितरण लाइन भी दो तरफ़ा परिपथ होता है क्योंकि वितरण लाइन के प्रथम सिरे पर सप्लाई देकर अंतिम सिरे पर लोड जोड़ा जा सकता है तथा अंतिम सिरे पर सप्लाई जोड़कर प्रथम सिरे पर भी लोड जोड़ा जा सकता है |
3. घटकों को जोड़ने की विधि के आधार पर परिपथ के प्रकार (Types of circuits based on the method of connecting the components)
घटकों/अवयवों (Components) को निम्न 3 प्रकार से जोड़कर परिपथ बनाये जाते हैं :- A. श्रेणी परिपथ (Series circuit) B. समान्तर परिपथ (Parallel circuit) C. श्रेणी समान्तर परिपथ (Series parallel circuit)
उपरोक्त तीनों विधियों का विस्तार से वर्णन एक अन्य पोस्ट “प्रतिरोधकों का संयोजन” में किया गया है |
A. श्रेणी परिपथ (Series circuit)
जिस परिपथ में विधुत धारा के प्रवाह के लिए केवल एक ही मार्ग उपलब्ध होता है वह श्रेणी परिपथ (Series circuit) कहलाता है | श्रेणी परिपथ में सभी घटकों का विभवान्तर अलग-अलग हो सकता है लेकिन सभी घटकों का धारा प्रवाह समान होता है |
श्रेणी परिपथ को निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-
B. समान्तर परिपथ (Parallel circuit)
जिस परिपथ में विधुत धारा के प्रवाह के लिए कई मार्ग उपलब्ध होते हैं वह समान्तर परिपथ (Parallel circuit) कहलाता है | समान्तर परिपथ में सभी घटकों का विभवान्तर समान होता है लेकिन सभी घटकों में धारा का प्रवाह भिन्न-भिन्न हो सकता है |
समान्तर परिपथ को निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-
C. श्रेणी-समान्तर परिपथ (Series-parallel circuit)
श्रेणी-समान्तर परिपथ ऐसा संयोजन होता है जिसमे घटकों/अवयवों को श्रेणी व समान्तर दोनों प्रकार से संयोजित किया जाता है | इस संयोजन को मिश्रित संयोजन भी कहते हैं | मिश्रित संयोजन निम्न 2 प्रकार से होता है :- 1. समान्तर-श्रेणी परिपथ (Parallel-series circuit) 2. श्रेणी-समान्तर परिपथ (Series-parallel circuit) इन दोनों परिपथों को निम्न चित्रों में दर्शाया गया है :-
4. स्थिति अथवा दोष के आधार पर परिपथ के प्रकार (Types of circuits based on condition or fault)
स्थिति अथवा दोष के आधार पर परिपथ की निम्न 3 स्थितियां होती हैं :- A. खुला परिपथ (Open circuit) B. बंद परिपथ (Closed circuit) C. लघु परिपथ (Short circuit)
बंद परिपथ ऐसी स्थिति है जिसमे परिपथ ठीक प्रकार से कार्य कर रहा होता है तथा खुला परिपथ व लघु परिपथ दोष वाली स्थिति हैं, इनमे परिपथ दोषित होने के कारण कार्य नहीं कर रहा होता हैं |
A. खुला परिपथ (Open circuit)
ऐसा परिपथ जिसका प्रतिरोध अनंत हो अथवा सामान्य से बहुत अधिक हो तो वह परिपथ खुला परिपथ कहलाता है | परिपथ में कहीं से तार टूट जाने, जोड़ खुल जाने अथवा MCB या फ्यूज उड़ जाने के कारण ऐसा हो सकता है |
खुला परिपथ होने पर परिपथ में से धारा का प्रवाह नहीं होता है तथा सभी उपकरण कार्य करना बंद कर देते हैं |
B. बंद परिपथ (Closed circuit)
जिस परिपथ में सभी अवयव ठीक प्रकार से जुड़े हों तथा किसी प्रकार का दोष नहीं हो उसे बंद परिपथ कहते हैं |
C. लघु परिपथ (Short circuit)
ऐसा परिपथ जिसका प्रतिरोध शून्य हो अथवा बहुत कम हो तो वह परिपथ लघु परिपथ कहलाता है | AC परिपथ के फेज तार से न्यूट्रल अथवा अर्थ संपर्क में आने पर ऐसा होता है | DC परिपथ में +ive तार व -ive तार आपस में मिलने पर भी लघु परिपथ होता है |
लघु परिपथ होने पर परिपथ में से अत्यधिक धारा का प्रवाह होता है जिससे, परिपथ गर्म हो जाता है तथा तारों का रोधन पिघल कर समाप्त हो सकता है तथा तार भी पिघलकर टूट सकते हैं, जिससे अन्य वस्तुओं में भी आग लग सकती है |
5. सप्लाई की प्रकृति के आधार पर परिपथ के प्रकार (Types of circuits based on nature of supply)
विधुत सप्लाई दो प्रकार की होती है 1. प्रत्यावर्ती धारा (AC) 2. दिस्ट धारा (DC) | सप्लाई के आधार पर परिपथ भी निम्न दो प्रकार के होते हैं :- A. प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC circuit ) B. दिस्ट धारा परिपथ (DC circuit)
A. प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC circuit )
जिस परिपथ को AC सप्लाई के द्वारा प्रचालित किया जाता है उसे प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC Circuit) कहते हैं | जैसे- घरेलु व कारखानों इत्यादि की वायरिंग |
B. दिस्ट धारा परिपथ (DC circuit)
जिस परिपथ को DC सप्लाई द्वारा प्रचालित किया जाता है उसे दिस्ट धारा परिपथ (DC Circuit) कहते हैं | जैसे गाड़ियों की वायरिंग इत्यादि |
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