परिणमन अनुपात / Transformation ratio

परिणमन अनुपात Transformation ratio

ट्रांसफार्मर की द्वितीय वाइंडिंग के लपेटों की संख्या तथा प्राथमिक वाइंडिंग के लपेटों की संख्या का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है |
अथवा 
ट्रांसफार्मर की द्वितीय वोल्टेज तथा प्राथमिक वोल्टेज का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग में अधिक लपेटे (turns) होंगे उसमे वोल्टेज भी अधिक होगी |
अथवा 
ट्रांसफार्मर की प्राथमिक करंट तथा द्वितीय करंट का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग की वोल्टेज अधिक होती है उसकी करंट कम होती है |

 
 
K=NsNp=EsEp=IpIs

K = Transformation ratio
Ns = Secondary turns
Np = Primary turns
Es = Secondary voltage
Ep = Primary voltage
Ip = Primary current
Is = Secondary current  

उक्त सूत्र के अनुसार ट्रांसफार्मर की दोनों वाइंडिंग की वोल्टेज E, लपेट संख्या N अथवा करंट I मे से किसी एक की जानकारी होने पर परिणमन अनुपात निकाला जा सकता है |

माना
1. किसी स्टेप-अप ट्रांसफार्मर की द्वितीयक वाइंडिंग में टर्नों की संख्या = 200
प्राथमिक वाइंडिंग में टर्नों की संख्या = 100

Transformation ratio =200100=2

2. इसी प्रकार किसी स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर की द्वितीयक वाइंडिंग में टर्नों की संख्या = 100
प्राथमिक वाइंडिंग में टर्नों की संख्या = 200

Transformation ratio =100200=0.5

अतः स्टेप-अप ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से अधिक (>1) होता है तथा स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से कम (<1) होता है |
अर्थात
1. हम यह कह सकते हैं कि जिस ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से अधिक है उसकी आउटपुट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज से अधिक होती है अर्थात वह स्टेप-अप ट्रांसफार्मर है |
 2. और जिस ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से कम है उसकी आउटपुट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज से कम होती है अर्थात वह स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर है |

 
 
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अथवा 

ट्रांसफार्मर की प्राथमिक करंट तथा द्वितीय करंट का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग की वोल्टेज अधिक होती है उसकी करंट कम होती है |

अतः स्टेप-अप ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से अधिक (>1) होता है तथा स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से कम (<1) होता है |

अर्थात

1. हम यह कह सकते हैं कि जिस ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से अधिक है उसकी आउटपुट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज से अधिक होती है अर्थात वह स्टेप-अप ट्रांसफार्मर है |

 2. और जिस ट्रांसफार्मर का ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात 1 से कम है उसकी आउटपुट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज से कम होती है अर्थात वह स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर है |

ट्रांसफार्मर की द्वितीय वोल्टेज तथा प्राथमिक वोल्टेज का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग में अधिक लपेटे (turns) होंगे उसमे वोल्टेज भी अधिक होगी | अथवा 

ट्रांसफार्मर की प्राथमिक करंट तथा द्वितीय करंट का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग की वोल्टेज अधिक होती है उसकी करंट कम होती है 

रिणमन अनुपात Transformation ratio

ट्रांसफार्मर की द्वितीय वाइंडिंग के लपेटों की संख्या तथा प्राथमिक वाइंडिंग के लपेटों की संख्या का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है |

अथवा 

ट्रांसफार्मर की द्वितीय वोल्टेज तथा प्राथमिक वोल्टेज का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग में अधिक लपेटे (turns) होंगे उसमे वोल्टेज भी अधिक होगी |

अथवा 

ट्रांसफार्मर की प्राथमिक करंट तथा द्वितीय करंट का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है | क्योंकि जिस वाइंडिंग की वोल्टेज अधिक होती है उसकी करंट कम होती है |परिणमन अनुपात ट्रांसफार्मर की द्वितीय वाइंडिंग के लपेटों की संख्या तथा प्राथमिक वाइंडिंग के लपेटों की संख्या का अनुपात “परिणमन अनुपात” (Transformation ratio) कहलाता है |

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