वैधुतिक वायरिंग में दोष Faults in Electric wiring

Faults in electric wiring

किसी वैधुतिक परिपथ में दोष (Fault) आने पर वह कार्य नहीं करता है अथवा असामान्य रूप से कार्य करने लगता है | वैधुतिक वायरिंग में अक्सर दोष आ जाते है लेकिन किसी वायरिंग को करते समय लापरवाही करने अथवा नियमानुसार कार्य नहीं करने पर बाद में अधिक दोष आते हैं | अतः वैधुतिक परिपथ में दोषों से बचने के लिए हमें एक अच्छे विधुत्कार से BIS (Bureau of indian standards) द्वारा बनाये गए नियमों के अनुसार ही वायरिंग करानी चाहिए | वैधुतिक परिपथ में दोष आने पर हमें विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा उपकरणों के ख़राब होने पर आर्थिक नुकसान भी होता है |

अतः वैधुतिक परिपथ में आने वाले दोष (Fault) निम्न प्रकार हैं :-

1. भू-संपर्क | Earthing
2. लीकेज दोष | Leakage fault
3. लघु परिपथ दोष | Short circuit fault
4. खुला परिपथ दोष | Open circuit fault

भू-संपर्क | Earthing

किसी मशीन अथवा धात्विक बॉडी का सजीव चालक (Phase wire) से आपस में संपर्क होना भू-संपर्क (Earthing) कहलाता है | इसमें सजीव चालक (Phase wire) किसी मशीन अथवा उपकरण के किसी हिस्से के संपर्क में आ जाता है जिससे पूरी मशीन अथवा उपकरण को छूने पर विधुत झटके का अनुभव होता है | अगर मशीन को अर्थ किया हुआ होता है तो सजीव चालक मशीन के संपर्क में आते ही लघु परिपथ की तरह व्यवहार करेगा जिससे परिपथ में लगा फ्यूज जल जायेगा और फेज की सप्लाई बंद हो जाएगी, इसलिए हमें धात्विक मशीनों/उपकरणों को अर्थ करना चाहिए |

दोष खोजना-
1. दोष खोजने के लिए जिन मशीनों में भू संपर्क की सम्भावना है उनकी बॉडी से जुड़ा अर्थ हटा दें | अथवा मुख्य अर्थ संयोजन को ही हटा दें |
2. एक टेस्ट लेम्प के एक सिरे को न्यूट्रल बिंदु से जोड़ दें |
3. टेस्ट लेम्प के दूसरे सिरे को सभी धातु भागों/उपकरणों से संपर्क करके जाँच करें |
4. जिस धातु भाग/उपकरण से दूसरा सिरा संपर्क होने पर टेस्ट लेम्प प्रकाश देता है वो भाग ही सजीव चालक (Phase wire) से सम्पर्कित है |
5. अब इस उपकरण में सजीव चालक की जाँच करें | सजीव चालक कहीं संपर्क हो तो उसे हटाकर उचित प्रतिरोधन (Insulation) करें |
6. प्रतिरोधन करने के उपरांत उपरोक्त जाँच फिर से करें | अब टेस्ट लैंप प्रकाश नहीं देगा |

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लीकेज दोष | Leakage fault

यदि किसी मशीन / उपकरण / धात्विक बॉडी को सजीव चालक (Phase wire) आंशिक रूप से संपर्क करने लगे तो उसे लीकेज दोष कहते हैं | लीकेज दोष होने पर भी धात्विक भाग को छूने पर विधुत झटका लगता है तथा ऊर्जा मीटर अधिक लोड दर्शाता है |

दोष खोजना-
1. एक टेस्ट लेम्प के एक सिरे को न्यूट्रल बिंदु से जोड़ दें |
2. जहाँ लीकेज दोष की सम्भावना है वहां दुसरे सिरे को संपर्क करके जाँच करें |
3. जिस मशीन/ धातु भाग / उपकरण से दूसरा सिरा संपर्क होने पर टेस्ट लेम्प हल्का प्रकाश देता है उस भाग में लीकेज दोष है |
4. अब इस उपकरण में सजीव चालक की जाँच करें | सजीव चालक कहीं संपर्क हो तो उसे हटाकर उचित प्रतिरोधन करें |
5. प्रतिरोधन करने के उपरांत उपरोक्त जाँच फिर से करें | अब टेस्ट लैंप प्रकाश नहीं देगा

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लघु परिपथ दोष | Short circuit fault

किसी परिपथ में सजीव चालक (Phase wire) यदि न्यूट्रल अथवा अर्थ के संपर्क में आ जाता है तो यह दोष लघु परिपथ दोष (Short circuit fault) कहलाता है | लघु परिपथ दोष होने पर परिपथ में उच्च धारा बहने लगती है जिससे परिपथ का फ्यूज जल जाता है अथवा परिपथ वियोजक (Circuit breaker) ट्रिप हो जाता है | इस दोष से परिपथ की सुरक्षा के लिए परिपथ में फ्यूज अथवा परिपथ वियोजक लगाये जाते हैं |

दोष खोजना-
1. डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड से सभी फ्यूज निकाल दें अथवा परिपथ वियोजक (Circuit breaker) ट्रिप कर दें ।
2. परिपथ का मेन स्विच चालू कर दें।
3. परिपथ में सभी लोड लगा दें।
4. परिपथ के सभी स्विच चालू कर दें।
5. प्रत्येक फ्यूज के दोनों बिन्दुओं से टैस्ट लैम्प के दोनों तार स्पर्श करें, जिस फ्यूज में स्पर्श करने पर लैम्प फुल जलेगा उसी परिपथ में दोष है। इस टैस्ट लैम्प को यहाँ लगा रहने दें |
6. परिपथ की पहचान होने के बाद परिपथ में दोष का स्थान खोजने के लिए दोषयुक्त परिपथ के सभी स्विच ऑफ कर दें। जिससे फ्यूज पर लगाया गया लैम्प बुझ जाएगा।
7. अब उस परिपथ के एक-एक स्विच को चालू करें, जिस स्विच को चालू करने पर टेस्ट लैम्प फुल जलेगा , उसी स्विच के परिपथ में दोष है |
8. दोष को दूर करें | दोष को दूर करने के बाद उपरोक्त परीक्षण फिर से करने के उपरांत विधुत सप्लाई चालू करें |

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खुला परिपथ दोष | Open circuit fault

जब किसी परिपथ का फ्यूज जलने, तार टूटने या अन्य किसी कारण से चक्र पूरा नहीं होता तो इसे खुला परिपथ दोष (Open circuit fault) कहते हैं | जिस परिपथ में खुला परिपथ दोष होता है उस परिपथ के उपकरण कार्य नहीं करते हैं |

खुला परिपथ दोष के निम्न कारण हो सकते हैं :-
1. फ्यूज उड़ने के कारण
2. टर्मिनल ढीले होने के कारण
3. तार के जोड़ खुलने के कारण
4. तार टूटने के कारण
5. स्विच ख़राब होने के कारण
6. स्विच के संपर्क ढीले होने अथवा कार्बन आने के कारण

दोष खोजना-
1. सबसे पहले जिस परिपथ में दोष है उसके फ्यूज की जाँच करें |
2.फ्यूज सही होने पर जिस परिपथ में दोष है उसकी जाँच कन्टीन्यूटी टेस्टर अथवा मल्टीमीटर से करें | जिस परिपथ में दोष होगा उसका प्रतिरोध मेगाओम में प्रदर्शित होगा |
3. जिस परिपथ में दोष हो उसके स्विच व जोड़ आदि की जाँच करें |
4. दोष मिलने पर उसे ठीक करें |

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