गोदाम वायरिंग

गोदाम वायरिंग Godown wiring

Godown wiring

गोदाम वायरिंग के नाम से ही स्पस्ट होता है कि यह वायरिंग गोदाम में की जाती है | इस वायरिंग को इस प्रकार किया जाता है कि

1.  किसी गोदाम में जाने वाला व्यक्ति गोदाम के दरवाजे में प्रवेश करते ही एक स्विच को चालू करता है तो उसके पास वाला लैंप चालू हो जाता है |

2.  व्यक्ति कुछ आगे बढ़कर दूसरा स्विच चालु करता है तो उसके पास वाला दूसरा लैंप चालू हो जाता है लेकिन पहला वाला लैंप बंद हो जाता है |

3.  जब व्यक्ति थोडा आगे बढ़कर तीसरा स्विच चालू करता है तो उसके पास वाला तीसरा लैंप चालू हो जाता है लेकिन दूसरा लैंप बंद हो जाता है

4.  गोदाम वायरिंग में जितने लैंप के कनेक्शन किये गए हैं उसके अनुसार आगे बढ़ते रहने पर यह क्रम चलता रहता है |

5.  जब व्यक्ति गोदाम से वापस बाहर आता है तो तीसरे स्विच को बंद करता है तो तीसरा लैंप बंद होकर दूसरा लैंप चालू हो जाता है |

6.  व्यक्ति बाहर की तरफ आगे बढ़कर दूसरा स्विच बंद करता है तो दूसरा लैंप बंद होकर पहला लैंप चालू हो जाता है |

7.  इसी प्रकार अंत में पहले स्विच को बंद करने पर पहला लैंप भी बंद हो जाता है |

इस प्रकार की वायरिंग करने का उद्देश्य होता है बिजली की बचत करना क्योंकि इसमें एक बार में एक ही लैंप चालू होता है | इस वायरिंग में जितने लैंप लगाने होते हैं उतने ही स्विच लगाने होते हैं जिनमे से एक स्विच वन-वे व अन्य स्विच टू-वे लगाने होते हैं | माना कि किसी गोदाम वायरिंग में 6 लैंप लगाये गए हैं तो उनके लिए 1 स्विच वन-वे व 5 स्विच टू-वे लगाने होते हैं |

गोदाम वायरिंग का डायग्राम उपरोक्त चित्र में दर्शाया गया है :-

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