अन्योन्य प्रेरण | Mutual induction

यदि किसी कुंडली में से AC विधुत धारा प्रवाहित की जाये और इस कुंडली के पास रखी अन्य कुंडली में प्रेरित विधुत वाहक बल उत्पन्न हो जाये तो इस प्रेरण को अन्योन्य प्रेरण (Mutual induction) कहते हैं |

परिभाषा- यदि किसी कुंडली में धारा के परिवर्तन के कारण अन्य कुंडली में प्रेरण के कारण वि.वा.ब. उत्पन्न हो जाता है तो इस घटना को अन्योन्य प्रेरण (Mutual induction) कहते हैं |

विवरण- निम्न चित्र में एक कुंडली से एक बैटरी तथा एक स्विच जोड़ा गया है जिससे स्विच को चालू करने पर बैटरी, कुंडली को DC सप्लाई प्रदान करेगी | पास में रखी दूसरी कुंडली से एक गैल्वेनोमीटर जोड़ा गया है जो सूक्ष्म धारा के प्रवाह को दर्शाता है | यहां प्राथमिक तथा द्वितीय कुंडली आपस में जुडी हुई नहीं हैं, केवल पास-पास रखी हैं |

Mutual induction
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अन्योन्य प्रेरण (Mutual induction) को समझने के लिए निम्न प्रयोग करेंगे :-
1. प्राथमिक कुंडली (Primary coil) तथा बैटरी के श्रेणी में लगे स्विच (S) को चालू करेंगे |

2. जैसे ही स्विच को चालू किया वैसे ही द्वितीय कुंडली (Secondary coil) में लगे गैल्वेनोमीटर की सुई एक विक्षेप दर्शाती है तथा तुरंत वापस जीरो पर आ जाती है |

3. अब हम प्राथमिक कुंडली में लगे स्विच को off करेंगे |

4. जैसे ही हमने प्राथमिक कुंडली का स्विच ऑफ किया तब भी द्वितीय कुंडली में लगे गैल्वेनोमीटर की सुई दूसरी दिशा में विक्षेप दर्शाती है तथा तुरंत वापस जीरो पर आ जाती है |

5. यहां हमने देखा कि जैसे ही हम स्विच को on करते है अथवा off करते है तब गैल्वेनोमीटर की सुई विक्षेप दर्शाती है, लेकिन ये एक पल के लिए ही होता है | जब स्विच on अवस्था में रहता है तब प्राथमिक कुंडली में धारा का प्रवाह होने पर भी गैल्वेनोमीटर की सुई विक्षेप नहीं दर्शाती है |

इससे स्पस्ट होता है कि जब प्राथमिक कुंडली की धारा में परिवर्तन होता है तभी द्वितीय कुंडली में धारा का प्रवाह होता है लेकिन प्राथमिक कुंडली में धारा का नियत प्रवाह होने या धारा में परिवर्तन नहीं होने पर द्वितीय कुंडली में धारा का प्रवाह नहीं होता है | क्योंकि बैटरी से DC सप्लाई मिल रही है जिसके मान में परिवर्तन नहीं होता है, केवल स्विच को on या off करने पर ही धारा के मान में परिवर्तन होता है |

अब यदि प्राथमिक कुंडली में लगी बैटरी को हटाकर AC स्रोत से जोड़ दिया जाये तब द्वितीय कुंडली में भी लगातार धारा का प्रवाह होने लगता है, क्योंकि AC का मान लगातार बदलता रहता है जिससे परिवर्तित प्रकार का चुम्बकीय फ्लक्स पैदा होने के कारण इस चुम्बकीय फ्लक्स में रखी दूसरी कुंडली में भी एक प्रेरित विधुत वाहक बल पैदा हो जाता है | इसे ही अन्योन्य प्रेरण (Mutual induction) कहते हैं |

बैटरी, | Mutual induction

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