ट्रांसफार्मर क्षति का मान ज्ञात करना Calculate the value of transformer loss
ट्रांसफार्मर क्षतियों का मान ज्ञात करके हम ट्रांसफार्मर की दक्षता भी ज्ञात कर सकते हैं निम्न दो विधियों द्वारा ट्रांसफार्मर क्षति का मान ज्ञात किया जा सकता है |
1. खुला परिपथ परीक्षण (Open circuit test)
2. लघु परिपथ परिक्षण (Short circuit test)
ट्रांसफार्मर क्षति का मान ज्ञात करना
1. खुला परिपथ परीक्षण | Open circuit test
खुला परिपथ परिक्षण द्वारा लोह क्षतियों (हिस्टेरेसिस तथा भंवर धारा क्षतियां) का मान ज्ञात किया जाता है | इसे शुन्य लोड परिक्षण (Zero load test) भी कहते हैं
खुला परिपथ टेस्ट को करने लिए ट्रांसफार्मर की द्वितीय वाइंडिंग के सिरे खुले रखे जाते हैं अर्थात उस पर कोई लोड जुड़ा नहीं होता | प्राथमिक वाइंडिंग पर वाट मीटर लगा दिया जाता है |अब प्राथमिक वाइंडिंग को उसकी सामान्य AC वोल्टेज से जोड़ा जाता है अर्थात जितने वोल्टेज की यह वाइंडिंग होती है उतनी वोल्टेज से जोड़ा जाता है |
द्वितीय वाइंडिंग को विधुत स्त्रोत से जोड़कर भी यह परीक्षण किया जा सकता है |
प्राथमिक वाइंडिंग को विधुत स्त्रोत से जोड़ने पर ट्रांसफार्मर की द्वितीय वाइंडिंग खुली होने के कारण द्वितीय वाइंडिंग में धारा का प्रवाह नहीं होता है तथा प्राथमिक वाइंडिंग में जो धारा का प्रवाह होता है वह ट्रांसफार्मर की लोह क्षति के कारण होता है | लोह क्षति में हिस्टेरेसिस तथा भंवर धारा क्षतियां सम्मिलित होती हैं | इस अवस्था में बहने वाली धारा, पूर्ण धारा का लगभग 5% होती है |
उक्त अवस्था में प्राथमिक वाइंडिंग पर लगा वाट मीटर लोह क्षति का मान watt में दर्शाता है | वाट मीटर के स्थान पर वोल्टमीटर, एम्पियर मीटर तथा पॉवर फैक्टर मीटर भी लगाये जा सकते है | वोल्ट मीटर, एम्पियर मीटर तथा पॉवर फैक्टर मीटर के मानों को गुणा करके वाट में लोह क्षति का मान निकाला जा सकता है | अर्थात W = V x I x COSΦ
खुला परिपथ परिक्षण विधि का डायग्राम निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-

ट्रांसफार्मर क्षति का मान ज्ञात करना
2. लघु परिपथ परीक्षण | Short circuit test
लघु परिपथ परीक्षण द्वारा ताम्र क्षतियों का मान ज्ञात किया जाता है | इसे पूर्ण लोड परीक्षण (Full load test) भी कहते हैं |
इस परीक्षण में ट्रांसफार्मर की निम्न वोल्ट वाइंडिंग को लघु परिपथ कर दिया जाता है | तथा उच्च वोल्ट वाइंडिंग पर वाट मीटर लगाकर इसे AC स्त्रोत से जोड़ दिया जाता है | लघु परिपथ होने के कारण ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग में उच्च धारा बहती है जिससे ट्रांसफार्मर जल सकता है इससे बचने के लिए वाइंडिंग की रेटेड वोल्टेज का 5% ही दिया जाता है | कम वोल्टेज देने के लिए ऑटो ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जा सकता है |
अब ट्रांसफार्मर पर लगा वाट मीटर कुल ताम्र हानियां दर्शाता है |
नोट- इस परीक्षण में उच्च वोल्ट वाली वाइंडिंग में ही सप्लाई इसलिए दी जाती है क्योंकि उच्च वोल्टेज मान के घटाए गए मान (5%) पर वोल्टेज देना अपेक्षाकृत आसान होता है | जैसे एक ट्रांसफार्मर जिसका वोल्टता मान 3300/220 है | इसके निम्न वोल्टेज मान का 5% (अर्थात 11 वोल्ट) देना कठिन है जबकि उच्च वोल्टेज मान 3300 का 5% (अर्थात 165 वोल्ट) देना अपेक्षाकृत आसान है |
लघु परिपथ परिक्षण विधि का डायग्राम निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-

ट्रांसफार्मर क्षति का मान ज्ञात करना

Related :-