दिष्ट धारा पर परिणामित्र का प्रचालन | Running transformer on DC
“Running transformer on DC” पोस्ट में स्पस्ट समझाया गया है कि परिणामित्र (Transformer) दिष्ट धारा (DC) पर कार्य नहीं करता है | परिणामित्र, Mutual induction (पारस्परिक प्रेरण) के सिद्धांत पर कार्य करता है | चूंकि प्रेरण केवल AC में विधमान होता है इसलिए परिणामित्र केवल AC सप्लाई पर कार्य करता है | DC की आवृति शून्य होने के कारण इसमें प्रेरण विधमान नहीं होता है, इसलिए परिणामित्र DC पर कार्य नहीं करता है | परिणामित्र का उपयोग AC सप्लाई की वोल्टेज व करंट को कम या अधिक करने के लिए किया जाता है लेकिन परिणामित्र से सप्लाई की आवृति (Frequency) में कोई परिवर्तन नहीं होता है, जितनी आवृति की सप्लाई input में दी जाती है उतनी ही आवृति output में मिलती है |
ट्रांसफार्मर एक वाइंडिंग से दूसरी वाइंडिंग में AC सप्लाई का स्थानांतरण करता है जबकि दोनों वाइंडिंग का आपस में संपर्क नही होता है, ये स्थानांतरण प्रेरण के कारण होता है | प्रेरण के लिए AC सप्लाई का होना आवश्यक है क्योंकि DC सप्लाई की आवृति शून्य होने के कारण DC सप्लाई में प्रेरण विधमान नहीं होता है |

Running transformer on DC
यदि परिणामित्र को दिष्ट धारा सप्लाई दे दी जाये तो क्या होगा ?
इसका सीधा सा जवाब है- ट्रांसफार्मर जल जायेगा | क्योंकि ट्रांसफार्मर की प्राथमिक कुंडली में AC सप्लाई अथवा प्रत्यावर्ती धारा देने पर फ्लक्स में भी लगातार परिवर्तन (Fluctuate) होने के कारण द्वितीय कुंडली में Mutual inductian के कारण विधुत वाहक बल उत्पन्न होता है जिसे हम लोड को देते हैं | फ्लक्स परिवर्तन से स्वयं प्राथमिक कुंडली में भी एक अतिरिक्त प्रेरित विधुत वाहक बल पैदा होता है जिसे हम विरोधी विधुत वाहक बल (Back e.m.f.) कहते हैं | यह विरोधी विधुत वाहक बल प्राथमिक कुंडलन में प्रवाहित धारा को सीमित अथवा कम कर देता है जिससे कुंडलन ओवर हीट से जलती नहीं है |
यदि प्राथमिक कुंडलन को दिष्ट धारा (DC) से जोड़ दिया जाये तो धारा का प्रत्यावर्तन नहीं होने के कारण फ्लक्स का परिवर्तन नहीं होता है जिसके कारण प्राथमिक कुंडलन में विरोधि विधुत वाहक बल उत्पन्न नहीं होता है फलस्वरूप प्राथमिक कुंडली में अधिक धारा बहने से कुंडलन जल जाती है | अतः DC पर ट्रांसफार्मर के कार्य नहीं करने का सबसे बड़ा कारण है कुंडली में DC सप्लाई से, प्रेरित विधुत वाहक बल पैदा नहीं होना |
दिष्ट धारा (DC) पर ट्रांसफार्मर, शॉर्ट सर्किट के समान व्यवहार करता है |
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