विधुत वायरिंग का निरिक्षण | Inspection of electrical wiring
Inspection of electrical wiring
किसी भवन, कार्यशालाया या उधोगशाला में नई विधुत वायरिंग करने अथवा वायरिंग को सुधारने या रूप बदलने के पश्चात व उपयोग में लेने से पूर्व किसी कुशल अनुज्ञाधारी विधुत्कार (Licensee Electrician) या निरीक्षक द्वारा वायरिंग का निरिक्षण करना आवश्यक होता है | वायरिंग का निरिक्षण अन्य परिस्थितियों में भी किया जा सकता है, जैसे नया घर/भवन खरीदने के बाद |
वायरिंग के निरिक्षण ( Inspection of electrical wiring ) के दौरान निरिक्षक को निम्न बिन्दुओं के अनुसार जांच करनी चाहिए :-
- न्यूट्रल लाइन में फ्यूज ना लगाकर लिंक लगाये गए हों |
- सार्वजानिक स्थानों पर शटर प्रकार के सॉकेट उपयोग किये गए हों |
- जंक्शन व वितरण बॉक्स इतने बड़े हों कि उनमें तार व लगाये गए उपकरण आसानी से समायोजित हो सकें |
- जंक्शन व वितरण बॉक्सों के फालतू छिद्रों को बंद कर दिया गया हो |
- वायरिंग में प्रयोग किये गए पेंच चपटी टोपी वाले हों |
- उधोगशालाओं की वायरिंग में स्विच, ब्रेकेट व सीलिंग रोज इत्यादि के लिए लकड़ी के बोर्डों का उपयोग नहीं किया गया हो |
- उधोगशालाओं की वायरिंग में लोह कन्ड्यूट पाइप का उपयोग किया गया हो तथा उसे अर्थ किया गया हो | कन्ड्यूट पाइप का उपयोग ना करने की स्थिति में आर्मर्ड केबल का उपयोग किया गया हो |
- लोह कन्ड्यूट के सिरों पर लकड़ी या एबोनाईट के बुश लगाये गए हों जिससे तार को खेंचते समय उनका इंसुलेशन ख़राब ना हो |
- कन्ड्यूट पाइपों में तार/केबल्स की संख्या BIS-732-1982 के अनुसार हो |
- लाइटिंग व फैन तथा पॉवर परिपथों में सभी प्लग 3 पिन वाले प्रयोग किये गए हों तथा तीसरी पिन को अर्थ किया गया हो |
- प्लगों के लिए अलग से अर्थ तार स्थापित किया गया हो |
- जहां तारों/केबल्स को पेचों अथवा नट-बोल्ट से कसा गया हो वहां वासर तथा उसके ऊपर स्प्रिंग वासर लगाये गए हों |
- जहां तारों/केबल्स को पेचों अथवा नट-बोल्ट से कसा गया हो वहां केबल्स के सभी सिरों पर लग्स लगाये गए हों तथा केबल के किसी भी तार को लग्स के बाहर नहीं छोड़ा गया हो |
- तारों व केबलों के क्रासिंग बिन्दुओं पर जंक्शन बॉक्स लगाये गए हों |
- जहां आवश्यक हो वहां चेतावनी चिन्ह लगाये गए हों |
- सभी अर्थ बिंदु अच्छी तरह कसे गए हों |
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