किरचॉफ के नियम | Kirchhoffs laws

रूसी वैज्ञानिक “किरचॉफ” ने दिष्ट धारा परिपथों में वोल्टता व धारा से सम्बंधित दो नियमों का प्रतिपादन किया जिन्हें किरचॉफ के नियम कहा जाता है | कुछ जटिल परिपथों की गणनाओं में ओह्म का नियम कारगर नहीं होता वहां किरचॉफ के नियमों का प्रयोग किया जाता है | किरचॉफ के दो नियम निम्न प्रकार हैं :-

  1. धारा का नियम (Current law) / किरचॉफ का प्रथम नियम
  2. वोल्टता का नियम (Voltage law) / किरचॉफ का द्वितीय नियम 

1. धारा का नियम (Current law) / किरचॉफ का प्रथम नियम

किरचॉफ के धारा के नियम को बिंदु नियम भी कहा जाता है | 

इस नियम के अनुसार किसी बंद दिष्ट धारा परिपथ (DC Circuit) में चालकों के संगम पर धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है |
  Σ I = 0

अथवा 

किसी बंद दिष्ट धारा परिपथ में किसी संगम (node) की और आने वाली विधुत धाराओं का योग, संगम से दूर जाने वाली धाराओं के योग के बराबर होता है | इसे हम निम्न चित्र से समझ सकते हैं :- 

kirchhoffs laws
itiale.in

2. वोल्टता का नियम (Voltage law) / किरचॉफ का द्वितीय नियम

किरचॉफ के वोल्टता के नियम को मेश (Mesh) नियम भी कहा जाता है |

इस नियम के अनुसार किसी बंद दिष्ट धारा परिपथ (DC Circuit) में आरोपित विधुत वाहक बलों का बीजगणितीय योग तथा परिपथ की प्रत्येक शाखाओं में हुए वोल्टेज ड्रोपों का बीजगणितीय योग समान होता है |
Σ E = Σ I.R
इसे हम निम्न चित्र से समझ सकते हैं :-

kirchhoffs laws

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