प्रतिरोध मापने की विधियां | Resistance testing methods
Resistance testing methods
किसी पदार्थ का वह गुण जो उसमे से गुजरने वाली विधुत धारा के प्रवाह का विरोध करता है, प्रतिरोध (Resistance) कहलाता है | प्रतिरोध को R से दर्शाया जाता है तथा इसकी इकाई ओह्म (Ω) है | एक तरह से प्रतिरोध को करंट का दुश्मन भी माना जा सकता है | प्रतिरोध की गणना ओह्म के नियम द्वारा की जाती है |
प्रतिरोध को सीधे ही विभिन्न उपकरणों से भी मापा जा सकता है | प्रतिरोध मापने की निम्न विधियां हैं :-
1. व्हीटस्टोन ब्रिज द्वारा प्रतिरोध का मापन | Measurement of resistance by wheatstone bridge
2. ओह्म मीटर द्वारा प्रतिरोध का मापन | Measurement of resistance by Ohmmeter
3. डिजिटल मल्टीमीटर द्वारा प्रतिरोध का मापन | Measurement of resistance by Digital multimeter
Resistance testing methods
1. व्हीटस्टोन ब्रिज द्वारा प्रतिरोध को मापना | Measuring Resistance by Wheatstone Bridge
व्हीटस्टोन ब्रिज द्वारा प्रतिरोध का मापन” एक पुरानी विधि है | इस विधि का आविष्कार व्हीटस्टोन नामक वैज्ञानिक द्वारा किया गया था जिसमे 4 प्रतिरोधकों से एक विशेष ब्रिजनुमा परिपथ बनाया गया | जिसके कारण इस उपकरण का नाम व्हीटस्टोन ब्रिज रखा गया | इस विधि का प्रचलन अब बंद हो चूका है |
व्हीटस्टोन ब्रिज निम्न चित्र के अनुसार बना हुआ होता है :-

उपरोक्त चित्र के अनुसार व्हीटस्टोन ब्रिज में 4 शाखाएं होती हैं जिनमे 3 शाखाओं में पहले से प्रतिरोधक लगे हुए होते हैं तथा 1 शाखा में उस प्रतिरोधक को लगाया जाता है जिसका प्रतिरोध मापना होता है |
उपरोक्त चित्र में दिए गए प्रतिरोध P तथा Q को अनुपात भुजा (Ratio arm) कहा जाता है, इन दोनों के मान को परिवर्तित करके 100:1, 10:1, 1:1, 1:10, 1:100 आदि निष्पत्तियां प्राप्त की जाती हैं | प्रतिरोधक R के मान को 1Ω से 500Ω तक समायोजित किया जा सकता है | S के स्थान पर उस प्रतिरोधक को लगाया जाता है जिसका मान ज्ञात करना होता है |
इस उपकरण में एक गेल्वेनोमीटर लगा होता है जिसमे लगी सूई विक्षेप दर्शाती है |
विधि- S भुजा पर उस प्रतिरोधक को संयोजित कर दिया जाता है जिसका प्रतिरोध ज्ञात करना होता है | भुजा P तथा Q को उपयुक्त निष्पत्ति पर समायोजित कर दिया जाता है | अब भुजा R को उस मान पर समायोजित किया जाता है जिस पर उपकरण में लगा गेल्वेनोमीटर 0 विक्षेप दर्शाए अर्थात बिंदु B व D के मध्य धारा का प्रवाह शून्य हो जाये ( क्योंकि बिंदु B व D के मध्य धारा का प्रवाह शून्य होने पर ही गेल्वेनोमीटर शून्य विक्षेप दर्शाता है )
नीचे इस सूत्र को खोलकर दिखाया गया है :-
इस प्रकार :-
अथवा
अतः उपरोक्त सूत्र से अज्ञात प्रतिरोध (S) का मान ज्ञात किया जा सकता है |
व्हीटस्टोन ब्रिज के प्रयोग :-
1. व्हीटस्टोन ब्रिज का प्रयोग निम्न मान के प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है |
2. व्हीटस्टोन ब्रिज का प्रयोग भौतिक राशियों जैसे- प्रकाश, तापमान, तनाव तथा विकृति आदि को मापने के लिए भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए व्हीटस्टोन ब्रिज को ऑपरेशनल एम्पलीफायर के साथ जोड़ना पड़ता है |
3. व्हीटस्टोन ब्रिज से विविधताओं का उपयोग करके प्रेरकत्व, प्रतिबाधा और धारिता इत्यादि को भी मापा जा सकता है।
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2. ओह्ममीटर द्वारा प्रतिरोध को मापना | Measuring Resistance by Ohmmeter
ओह्ममीटर का उपयोग भी प्रतिरोध मापने के लिए किया जाता है लेकिन इसकी प्रतिरोध मापने की शुद्धता “व्हीटस्टोन ब्रिज” से कम होती है | ओह्ममीटर एक प्रत्यक्ष पाठ्यांक यंत्र है (क्योंकि इसकी सुईं सीधे ही प्रतिरोध को दर्शाती है )
ओह्ममीटर के अन्दर निम्न भाग होते हैं :-
1. माइक्रो अमीटर
2. प्रोब्स
3. धारा लिमिटिंग प्रतिरोधक
4. शून्य समायोजक प्रतिरोध
5. बैटरी
ओह्ममीटर निम्न 2 प्रकार के होते हैं :-
1. श्रेणी प्रकार ओह्ममीटर
2. शंट प्रकार ओह्ममीटर
1. श्रेणी प्रकार ओह्ममीटर :- इस प्रकार के ओह्ममीटर में बैटरी, माइक्रो अमीटर तथा अज्ञात प्रतिरोधक श्रेणी क्रम में लगे होते हैं | इसका उपयोग उच्च तथा मध्यम प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है |
2. शंट प्रकार ओह्ममीटर :- इस प्रकार के ओह्ममीटर में माइक्रो अमीटर तथा अज्ञात प्रतिरोधक समान्तर क्रम में लगे होते हैं | इसका उपयोग मध्यम तथा निम्न प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है |
ओह्ममीटर का डायग्राम निम्न प्रकार है :-

ओह्ममीटर द्वारा प्रतिरोध मापने की विधि :-
1. ओह्ममीटर में अज्ञात प्रतिरोधक को लगाने से पहले दोनों प्रोब को लघु पथित (Short circuit) कर शून्य समायोजक का समायोजन इस प्रकार करें कि मीटर की सुईं शून्य पर आ जाये |
2. अज्ञात प्रतिरोधक को उपरोक्त चित्र के अनुसार दोनों प्रोब के मध्य लगा दें |
3. धारा लिमिटिंग प्रतिरोधक का इस प्रकार समायोजन करें कि मीटर की सुईं, शून्य व अनंत (∞) के मध्य आ जाये |
4. अब मीटर के डायलर पर सुईं जितना प्रतिरोध दर्शा रही है वही अज्ञात प्रतिरोधक का प्रतिरोध होगा |
नोट- ओह्ममीटर में व्हीटस्टोन ब्रिज की तरह प्रतिरोधक का मान निकालने के लिए गणना करने की आवश्यकता नहीं होती | इसमें अज्ञात प्रतिरोधक का मान सीधे ही ओह्म (Ω) में पढ़ा जा सकता है |
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3. डिजिटल मल्टीमीटर द्वारा प्रतिरोध को मापना | Measurement of resistance by Digital multimeter
डिजिटल मल्टीमीटर तथा ओह्ममीटर से प्रतिरोध मापने का तरीका एक समान ही है | केवल इतना अंतर होता है कि डिजिटल मल्टीमीटर में डिस्प्ले दी होती है जिसमे प्रतिरोध का मान सीधे ही अंकों में प्रदर्शित होता है तथा ओह्ममीटर में एनालॉग मीटर होता है जिसकी सुईं की स्थिति से प्रतिरोध के मान का पता लगाया जाता है | डिजिटल मल्टीमीटर में प्रतिरोध को मापने के साथ-साथ AC वोल्टेज, DC वोल्टेज, करंट, कैपेसीटेन्स इत्यादि को मापने की सुविधा होती है तथा ओह्ममीटर से केवल प्रतिरोध ही मापा जा सकता है |
यहां पर डिजिटल मल्टीमीटर का चित्र दिया गया है :-

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