नाम से स्पस्ट है कि यह वायरिंग सीढ़ियों में की जाती है | इस वायरिंग में सीढ़ियों में एक लैम्प को दो या दो से अधिक स्थानों से नियंत्रित किया जाता है | किसी भी स्विच को दबाने पर अगर लैम्प जल रहा है तो बंद हो जाता है और अगर बंद है तो जल जाता है | अगर लैम्प को दो स्थानों से नियंत्रित करना हो तो इस वायरिंग में दो टू-वे स्विच का उपयोग किया जाता है और अगर दो से अधिक स्थानों से नियंत्रित करना हो तो दो टू-वे स्विच के साथ अन्य इंटरमीडियट स्विच का उपयोग किया जाता है |
उदाहरण के लिए- एक लैम्प को दो स्थानों से नियंत्रित करने के लिए दो टू-वे स्विच लगाये जाते हैं | तथा एक लैम्प को चार स्थानों से नियंत्रित करने के लिए दो टू-वे स्विच तथा दो इंटरमीडियटस्विच लगाये जाते हैं |
सीढ़ियों की वायरिंग का डायग्राम निम्न प्रकार है |
इंटरमीडियट स्विच (Intermediate switch) :-
इंटरमीडियट स्विच का ऊपरी केस एक साधारण स्विच के जैसा ही दिखता है लेकिन इसमें 4 टर्मिनल होते हैं | निम्न चित्र द्वारा समझाया गया है कि इस स्विच को एक तरफ व दूसरी तरफ दबाने पर कौन-कौनसे टर्मिनल आपस में जुड़ते हैं |