सुरंग वायरिंग | Tunnel wiring

सुरंग वायरिंग

सुरंग वायरिंग

सुरंग वायरिंग | Tunnel wiring

Tunnel wiring

सुरंग वायरिंग उन सुरंगों में की जाती है जिनमे से व्यक्ति को पैदल ही निकलना होता है, जैसे खदान इत्यादि में बनी सुरंगें | सुरंग वायरिंग में व्यक्ति सुरंग में प्रवेश करते ही जैसे ही पहले स्विच को चालू करता है वैसे ही पहले दो लेम्प जल जाते हैं | जैसे-जैसे व्यक्ति आगे बढ़ता जाता है आगे वाले स्विच चालू करता जाता है और अगले लेम्प जलते जाते हैं तथा पिछले वाले बंद होते जाते हैं |

इस वायरिंग में दो लैंप एक साथ जलते हैं | इस वायरिंग में जितने लैंप होते हैं उतने ही टू-वे स्विच लगाये जाते हैं | इस प्रकार की वायरिंग करने का उद्देश्य होता है बिजली की बचत करना क्योंकि, इसमें एक बार में केवल दो ही लैंप जलते हैं |

सुरंग वायरिंग का डायग्राम उपरोक्त चित्र में दर्शाया गया है :-

सुरंग वायरिंग निम्न प्रकार कार्य करती है :-

1. सुरंग के एक छोर से व्यक्ति प्रवेश करने पर स्विच S1 को दबाता है जिससे लैंप 1 व 2 एक साथ जलते हैं |

2. थोडा आगे बढ़ने पर व्यक्ति स्विच S2 को दबाता है जिससे लैंप 1 बंद होकर लैंप 3 जल जाता है | अर्थात लैंप 2 व 3 एक साथ जलते हैं |

3. थोडा आगे बढ़ने पर व्यक्ति स्विच S3 को दबाता है जिससे लैंप 2 बंद होकर लैंप 4 जल जाता है | अर्थात लैंप 3 व 4 एक साथ जलते हैं |

4. थोडा आगे बढ़ने पर व्यक्ति स्विच S4 को दबाता है जिससे लैंप 3 बंद होकर लैंप 5 जल जाता है | अर्थात लैंप 4 व 5 एक साथ जलते हैं |

5. थोडा आगे बढ़ने पर व्यक्ति स्विच S5 को दबाता है जिससे लैंप 4 बंद होकर लैंप 6 जल जाता है | अर्थात लैंप 5 व 6 एक साथ जलते हैं |

6. थोडा आगे बढ़ने पर व्यक्ति स्विच S6 को दबाता है जिससे लैंप 5 व 6 बंद हो जाते हैं | अर्थात सभी लैंप बंद हो जाते हैं |

7. व्यक्ति के वापस आने पर यही प्रक्रिया दुसरे छोर से लैंप 6 व 5 से शुरू हो जाती है |

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