विभिन्न प्रकार के प्रतिरोधक | Different types of Resistors
ऐसा पदार्थ जो विधुत धारा के प्रवाह में एक निश्चित मान का प्रतिरोध उत्पन्न करे, प्रतिरोधक (resistor) कहलाता है | इसलिए प्रतिरोधक का उपयोग वैधुतिक परिपथों में बहने वाली विधुत धारा के मान में एक निश्चित मान का अवरोध उत्पन्न करने के लिए किया जाता है | प्रतिरोधक एक वैधुतिक अवयव होता है जो विभिन्न मानों के बनाये जाते हैं, जैसे 1Ω, 100µΩ, अथवा 2KΩ इत्यादि |
इस पोस्ट में हम प्रतिरोधक के विभिन्न प्रकारों के बारे में समझायेंगे व एक अन्य पोस्ट “Resistance and Resistor” में प्रतिरोधक का सामान्य विवरण दिया गया है | प्रतिरोधक के निम्न दो मुख्य प्रकार हैं :-
1. कार्बन प्रतिरोधक (Carbon Resistor)
2. तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound Resistor)
वैसे प्रतिरोधक के अन्य भी कई प्रकार हैं लेकिन आईटीआई (इलेक्ट्रीशियन) में मुख्यतः इन 2 प्रतिरोधकों का वर्णन ही मिलता है |
Different types of Resistors
1. कार्बन प्रतिरोधक (Carbon Resistor)
अन्य प्रतिरोधकों की तुलना में कार्बन प्रतिरोधकों की प्रतिरोधकता अधिक होती है | अन्य प्रकार के प्रतिरोधक, जैसे- पीतल, टंगस्टन, नाइक्रोम, प्लेटिनम इत्यादि से बने प्रतिरोधकों की प्रतिरोधकता कम होती है इसलिए अधिक प्रतिरोधकता प्राप्त करने के लिए कार्बन प्रतिरोधक का उपयोग किया जाता है | ये प्रतिरोधक अधिक तापसंवेदी होने के कारण इनका उपयोग कम तापमान पर किया जाता है |
इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में अधिकतर कार्बन प्रतिरोधक का उपयोग किया जाता है | इनका मान अधिक सटीक होने के कारण अन्य प्रतिरोधकों को मापने के उपकरणों में अथवा प्रतिरोधकों को कैलिब्रेट करने में इनका उपयोग किया जाता है | इनको बनाने के लिए कार्बन अथवा ग्रेफाइट के पाउडर को आवश्यक मात्रा में अचालक पदार्थ व बंधक पदार्थ के साथ मिलाया जाता है तथा ये 1/20 वाट से 2 वाट तक वाटेज में बनाये जाते हैं |
कार्बन प्रतिरोधक की विशेषताएं :-
1. अन्य प्रतिरोधकों की तुलना में इनकी प्रतिरोधकता उच्च होती है |
2. अधिक ताप संवेदी होते हैं |
3. अन्य प्रकार के प्रतिरोधकों की तुलना में इनका मान अधिक सटीक होता है |
4. सस्ते होते हैं |
5. आकार में छोटे होते हैं |
कार्बन प्रतिरोधक का उपयोग:-
कार्बन प्रतिरोधकों का उपयोग सभी प्रकार के बड़े तथा छोटे इलेक्ट्रॉनिक परिपथो तथा इलेक्ट्रिकल परिपथों में किया जाता है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक परिपथो में इनका उपयोग बहुतायत से किया जाता है |
मुख्यतः कार्बन प्रतिरोधक निम्न 2 प्रकार के होते हैं :-
A. नियत मान प्रतिरोधक | Fixed resistor
B. परिवर्ती मान प्रतिरोधक Variable resistor
उपरोक्त दोनों प्रतिरोधकों के नाम से ही समझा जा सकता है कि नियत मान प्रतिरोधक का मान नियत होता है, इसे आवश्यकतानुसार बदला नहीं जा सकता तथा परिवर्ती मान प्रतिरोधक का मान आवश्यकतानुसार बदला जा सकता है |
Different types of Resistors
A. नियत मान कार्बन प्रतिरोधक (Fixed type carbon resistor)
नियत मान प्रतिरोधक को बनाने के लिए कार्बन अथवा ग्रेफाइट के पाउडर को आवश्यक मात्रा में अचालक पदार्थ व बंधक पदार्थ के साथ मिलाकर एक छड़नुमा आकार में ढाल लिया जाता है, फिर आवश्यकतानुसार छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है | इन टुकड़ों के दोनों सिरों पर संयोजक तार लगी हुई टिन आलेपित तांबे अथवा पीतल की धातु की टोपी को लगा दिया जाता है | इसके पश्चात इनके ऊपर रंग कर इनकी प्रतिरोधकता, क्षमता तथा टोलरेन्स के अनुसार विभिन्न रंगों के घेरे बना दिए जाते हैं जिनसे इनकी पहचान होती है |
प्रतिरोधक पर बने विभिन्न रंगों के घेरों से प्रतिरोधक के मान, उसकी क्षमता तथा टोलरेन्स का पता लगाया जा सकता है | तथा ओह्ममीटर द्वारा प्रतिरोधक के दोनों सिरों के मध्य प्रतिरोध मापकर की उसके मान का पता लगाया जा सकता है |
नियत मान प्रतिरोधकों का प्रतिरोध मान 1Ω से 20MΩ तक होता है तथा ये 1/8 वाट से 2 वाट तक की वाटेज में बनाये जाते हैं | नियत मान प्रतिरोधक का चित्र निम्न प्रकार हैं :-

Different types of Resistors
B. परिवर्ती मान कार्बन प्रतिरोधक (Variable type carbon resistor)
परिवर्ती मान प्रतिरोधक को बनाने के लिए कार्बन अथवा ग्रेफाइट के पाउडर को आवश्यक मात्रा में अचालक पदार्थ व बंधक पदार्थ के साथ मिलाकर एक अर्धचन्द्राकार अथवा वक्राकर पट्टी के रूप में ढाल लिया जाता है | इस पट्टी के दोनों सिरों पर टिन आलेपित तांबे के संयोजक तार जोड़कर किसी अचालक आधार पर कस दिया जाता है |
इस अर्धचंद्राकार पट्टी पर एक चल संयोजक भुजा इस प्रकार लगाई जाती है कि वो इसके दोनों संयोजकों के मध्य सरक सके | मध्य संयोजक से एक घूमने वाली शाफ़्ट लगा दी जाती है, जिसे घुमाने पर मध्य बिंदु, दोनों स्थिर बिन्दुओं के मध्य सरकता रहता है | अब अर्धचन्द्राकार पट्टी के दो संयोजक तथा चल भुजा का एक संयोजक (कुल 3 संयोजक) बाहर निकालकर इन सबको धात्विक आवरण से ढक दिया जाता है |
शाफ़्ट को घुमाकर किसी एक स्थिर संयोजक तथा मध्य वाले चल संयोजक के मध्य प्रतिरोध मान को परिवर्तित किया जा सकता है |
परिवर्ती मान प्रतिरोधकों का प्रतिरोध मान 100Ω से 5MΩ तक होता है तथा ये 1/20 वाट से 1/4 वाट तक की वाटेज में बनाये जाते हैं | परिवर्ती मान प्रतिरोधक का चित्र निम्न प्रकार हैं :-

Different types of Resistors
2. तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound Resistor)
पोर्सिलेन, चीनी मिट्टी अथवा बैकेलाइट से बनी शीट या पाइप पर नाइक्रोम का तार लपेटकर इस प्रतिरोधक को तैयार किया जाता है, इसलिए इसे तार कुंडलित प्रतिरोधक अथवा वायर वाउंड प्रतिरोधक कहा जाता है | जहां अधिक वाटेज की आवश्यकता होती है अथवा अधिक विधुत धारा क्षमता की आवश्यकता होती है वहां वायर वाउंड प्रतिरोधक का इस्तेमाल किया जाता है | ये 1 वाट से 100 वाट अथवा अधिक वाटेज में बनाये जाते हैं | इनका प्रतिरोध मान 1Ω से हजारों Ω तक हो सकता है |
1. कार्बन प्रतिरोधकों की तुलना में इनकी प्रतिरोधकता निम्न होती है |
2. कार्बन प्रतिरोधकों की तुलना में कम ताप संवेदी होते हैं, इसलिए अधिक ताप पर भी काम में लिया जा सकता है |
3. कार्बन प्रतिरोधकों की तुलना में इनका मान कम सटीक होता है |
4. कार्बन प्रतिरोधकों की तुलना में महंगे होते हैं |
5. कार्बन प्रतिरोधकों की तुलना में आकार में बड़े होते हैं |
6. विधुत धारा वहन क्षमता अधिक होती है |
तार कुंडलित प्रतिरोधक का उपयोग:-
इस प्रकार के प्रतिरोधकों का उपयोग मुख्यतः इलेक्ट्रिकल परिपथों में किया जाता है जैसे- मोटर की गति परिवर्तित करने, जनरेटर की वोल्टेज परिवर्तित करने व प्रयोगशालाओं इत्यादि में |
मुख्यतः तार कुंडलित प्रतिरोधक भी निम्न 2 प्रकार के होते हैं :-
A. नियत मान, तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound type fixed resistor)
B. परिवर्ती मान, तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound type variable resistor)
Different types of Resistors
A. नियत मान, तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound type fixed resistor)
ये प्रतिरोधक, पोर्सिलेन, चीनी मिट्टी अथवा बैकेलाइट से बनी शीट या पाइप पर नाइक्रोम का तार लपेटकर बनाये जाते हैं | प्रतिरोध के मान तथा उसकी क्षमता के अनुसार लपेटे जाने वाले तार की मोटाई तथा लम्बाई रखी जाती है | तार के दोनों सिरों पर एक-एक संयोजक लगाकर उन्हें स्थिर कर दिया जाता है |

Different types of Resistors
B. परिवर्ती मान, तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound type variable resistor)
ये प्रतिरोधक भी पोर्सिलेन, चीनी मिट्टी अथवा बैकेलाइट से बनी शीट या पाइप पर नाइक्रोम का तार लपेटकर बनाये जाते हैं | प्रतिरोधक के मान तथा उसकी क्षमता के अनुसार लपेटे जाने वाले तार की मोटाई तथा लम्बाई रखी जाती है | तार के दोनों सिरों पर एक-एक संयोजक लगाकर उन्हें स्थिर कर दिया जाता है | इसके अलावा इस पाइप के ऊपर एक सरकने वाली भुजा भी लगाई जाती है जो पाइप के ऊपर लगे तारों पर संपर्क करती हुई सरकती है |
इस सरकने वाली भुजा पर तीसरा चल संयोजक बिंदु लगा दिया जाता है | इस प्रकार इसमें 2 स्थिर संयोजक तथा 1 चल संयोजक होते हैं (कुल 3 संयोजक) | किसी एक स्थिर संयोजक तथा चल संयोजक के मध्य प्रतिरोध को परिवर्तित किया जा सकता है जिसके लिए हमें सरकने वाली भुजा (Movable arm) को सरकाना होता है |

परिवर्ती मान, तार कुंडलित प्रतिरोधक (Wire wound type variable resistor) जिसका चित्र ऊपर दर्शाया गया है को “रिहोस्टेट” भी कहा जाता है | रिहोस्टेट का उपयोग प्रयोगशालाओं में किया जाता है |
प्रतिरोधकों का मान ज्ञात करना:-
नियत मान कार्बन प्रतिरोधकों के ऊपर कुछ विभिन्न रंगों की लाइनें बनाकर अथवा विभिन्न रंगों की बिंदी बना दी जाती हैं जिनसे इनका प्रतिरोध मान ज्ञात किया जा सकता है | प्रतिरोध मान ज्ञात करने के लिए एक सारणी का उपयोग किया जाता है जिसका विवरण अन्य पोस्ट “प्रतिरोध मान अंकन” में किया गया है |
नियत मान कार्बन प्रतिरोधकों के अलावा अन्य सभी प्रकार के प्रतिरोधकों की बॉडी के ऊपर सीधे ही इनका प्रतिरोध व वाटेज आदि लिख दिए जाते हैं |
विभिन्न प्रकार के प्रतिरोधक | Different types of Resistors
विभिन्न प्रकार के प्रतिरोधक | Different types of Resistors
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