पूर्ण लोड तथा शुन्य लोड पर ट्रांसफार्मर का प्रचालन Running transformer on full load and zero load
किसी भी ट्रांसफार्मर का व्यवहार पूर्ण लोड तथा शून्य लोड पर अलग-अलग होता है | इस पोस्ट में हम आपको समझायेंगे कि पूर्ण लोड (Full load) तथा शून्यलोड(Zero load / No load) पर ट्रांसफार्मर का कैसा व्यवहार होता है |
पूर्ण लोड तथा शुन्य लोड पर ट्रांसफार्मर का प्रचालन
पूर्ण लोड पर ट्रांसफार्मर | Transformer on full load
पूर्ण लोड पर ट्रांसफार्मर के प्रचालन को हम निम्न बुन्दुओं द्वारा आसानी से समझ सकते हैं :-
बिना लोड (No load) के ट्रांसफार्मर की प्राथमिक वाइंडिंग (Primary winding) में विधुत सप्लाई देने पर प्राथमिक वाइंडिंग में लोह क्षति को वहन करने के लिए कुछ धारा (i1) का प्रवाह होता हैं | लोड ना होने के कारण द्वितीय वाइंडिंग (Secondary winding) में धारा का प्रवाह नहीं होता है |
द्वितीय वाइंडिंग (Secondary winding) पर लोड जोड़ने पर इसमें धारा (i2) का प्रवाह होने लगता है | जिससे ईसमे चुम्बकीय फ्लक्स का प्रवाह होने लगता है |
द्वितीय वाइंडिंग (Secondary winding) में पैदा होने वाला चुम्बकीय फ्लक्स प्राथमिक वाइंडिंग (Primary winding) में पैदा होने वाले चुम्बकीय फ्लक्स के विपरीत स्वभाव वाला होता है जिससे यह प्राथमिक वाइंडिंग के चुम्बकीय फ्लक्स को कम कर देता है |
प्राथमिक वाइंडिंग (Primary winding) का चुम्बकीय फ्लक्स कम होने पर इसमें पैदा हो रहा बैक वि.वा.ब. (Back e.m.f.) भी कम हो जाता है |
प्राथमिक वाइंडिंग (Primary winding) का बैक वि.वा.ब. कम होने के कारण इसमें करंट का मान बढ़ जाता है | (क्योंकि किसी वाइंडिंग में बैक वि.वा.ब. ही करंट को कम करता है |)
तत्पश्चात प्राथमिक वाइंडिंग में करंट बढ़ने पर चुम्बकीय फ्लक्स का मान बढ़ जाता है |
पूर्ण लोड तथा शुन्य लोड पर ट्रांसफार्मर का प्रचालन
अत: शून्य लोड से फुल लोड तक चुम्बकीय फ्लक्स का मान लगभग समान रहता है तथा लोड बढ़ने पर प्राथमिक तथा द्वितीय, दोनों वाइंडिंग का करंट बढ़ जाता है |
प्राइमरी वाइंडिंग में धारा (ip) का मान, प्राइमरी वाइंडिंग बैलेन्सिंग धारा (ip) तथा लोड रहित प्राइमरी धारा (i0) को वेक्टर्स डायग्राम द्वारा दर्शाया गया है | जिसे निम्न चित्र में दर्शाया गया है। अत: कुल धारा, i = (iw + ip) + i0 (वेक्टर योग) प्राइमरी वाइंडिंग बैलेन्सिंग धारा (ip) तथा सेकेण्डरी वाइंडिंग धारा (is) की दिशाएँ एक-दूसरे के विपरीत होती हैं |
पूर्ण लोड तथा शुन्य लोड पर ट्रांसफार्मर का प्रचालन
शून्य लोड पर ट्रांसफार्मर | Transformer on no load
जब ट्रांसफार्मर पर कोई भार नहीं होता तो इसे भार विहीन अवस्था कहते हैं | भार विहीन अवस्था में ट्रांसफार्मर की प्राथमिक वाइंडिंग (Primary winding) में बहुत कम धारा (i0) का प्रवाह होता है जिसे शून्य लोड धारा (No load current) कहते हैं | इसका मान फुल लोड धारा का लगभग 2% से 5% होता है | उक्त 2% से 5% धारा निम्न के कारण प्रवाहित होती है :-
1. शून्य लोड (No load) पर लोह क्षतियों के कारण | 2. क्रोड़ (core) में चुम्बकीय क्षेत्र पैदा करने के कारण |
शून्य लोड (No load) पर द्वितीय वाइंडिंग में धारा का प्रवाह नहीं होता तथा ना ही चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है | निम्न चित्र में शून्य लोड पर ट्रांसफार्मर का वेक्टर डायग्राम दर्शाया गया है :-
पूर्ण लोड तथा शुन्य लोड पर ट्रांसफार्मर का प्रचालन
शुन्य लोड पर ट्रांसफार्मर द्वारा ली जाने वाली शक्ति का शूत्र :-