ट्रांसफार्मर का टैप परिवर्तन Tape changing of Transformer

ट्रांसफार्मर की आउटपुट वोल्टेज को कम या अधिक करने के लिए टैप परिवर्तक का उपयोग किया जाता है | यह एक विशेष प्रकार का स्विच ही होता है जो ट्रांसफार्मर टैंक के अन्दर वाइंडिंग के साथ ही लगाया जाता है तथा इसका हैंडल ट्रांसफार्मर टैंक से बाहर निकला होता है | ट्रांसफार्मर में टैप परिवर्तन लोड रहित अवस्था में अथवा लोड पर भी किया जा सकता है |

सभी ट्रांसफार्मरों में टैप परिवर्तक नहीं होता, केवल बड़े अथवा पॉवर ट्रांसफार्मरों में ही टैप परिवर्तक होता है | टैप परिवर्तन सामान्यतः ट्रांसफार्मर की उच्च वोल्टेज वाली वाइंडिंग में लगा होता है (कभी-कभी निम्न वोल्टेज वाली वाइंडिंग पर भी टैप परिवर्तक को लगा दिया जाता है ) | टैप परिवर्तक द्वारा भार के अनुसार वोल्टता का समंजन किया जा सकता है | उपरोक्त चित्र में पॉवर ट्रांसफार्मर के टैप परिवर्तक का चित्र दर्शाया गया है :-

यदि टैप परिवर्तन प्रक्रिया शुन्य भार पर संपन्न की जाती है, तो ट्रांसफार्मर शुन्य भार टैप परिवर्तन ट्रांसफार्मर कहलाता है | इसी प्रकार लोड पर टैप परिवर्तन करने पर ट्रांसफार्मर को लोड टैप परिवर्तन ट्रांसफार्मर कहते हैं | निम्न चित्र में टैप परिवर्तक (Tap changer) का डायग्राम दर्शाया गया है |

ट्रांसफार्मर का टैप परिवर्तन Tape changing of Transformer

Tape changing of Transformer

लोड पर ट्रांसफार्मर का टैप परिवर्तन | Tape changing of Transformer on load

लोड पर टैप परिवर्तन प्रक्रिया को निम्न चित्र में दर्शाया गया है | इसमें ट्रांसफार्मर कि द्वितीयक वाइंडिंग, दो तुल्य समान्तर वाइंडिंग से निर्मित की गई है | 

इसमें न्यूनतम द्वितीयक वोल्टेज प्राप्त होती है, परन्तु इस वोल्टेज को बढाने के लिए एक स्विच S1 अथवा S2 को खोलकर किसी एक वाइंडिंग को परिपथ से प्रथक कर दिया जाता है | माना कि स्विच S1 ओपन (OPEN) कर दिया गया है, तो स्विच S2 द्वारा नियंत्रित वाइंडिंग पूर्ण धारा वहन करती है, जो कि उसके द्वारा सामान्य प्रचालन में वहन की जाने वाली धारा की दोगुनी होती है |

अब स्विच S1 से नियंत्रित वाइंडिंग की प्रथम टैपिंग को खोलकर वांछित टैपिंग सेट करने के पश्चात स्विच S1 को बंद कर दिया जाता है | इसके बाद दूसरी समान्तर सेकेण्डरी वाइण्डिंग का स्विच S2 को खोलकर उस ओर की टैप सैटिंग को भी पहले की भाँति समान टैप पर सैट कर दिया जाता है और इसके पश्चात् स्विच S2 को बन्द कर दिया जाता है। इस समय अब दोनों समान्तर वाइण्डिंग, भार को परस्पर विभाजित करती हैं। अर्थात् दोनों वाइण्डिंग समान धारा वहन करती हैं।

Tap changing on load

Tape changing of Transformer

ऑफ लोड पर ट्रांसफार्मर का टैप परिवर्तन | Tape changing of Transformer on off load

ऑफ लोड (Off load) पर टैप परिवर्तन के लिए ट्रांसफार्मर की उच्च वोल्टेज वाली वाइंडिंग में से कई टैपिंग निकाली जाती है | उच्च वोल्टेज वाली वाइंडिंग प्राइमरी भी हो सकती है तथा सेकेंडरी भी हो सकती है | ऑफ लोड टैप परिवर्तन पर ट्रांसफार्मर पर लोड को ऑफ करना आवश्यक होता है अन्यथा स्पार्किंग / आर्क पैदा होने के कारण ट्रांसफार्मर में आग लग सकती है |

निम्न चित्रानुसार सेकेंडरी वाइंडिंग पर लगी टैप को बिंदु 1 पर रखने पर अधिकतम आउटपुट मिलता है तथा बिंदु संख्या 4 पर रखने पर न्यूनतम आउटपुट मिलता है |

अगर इसी टैप को प्राइमरी वाइंडिंग पर लगा दिया जाये तो इस स्थिति में टैप को बिंदु 1 पर रखने पर न्यूनतम आउटपुट मिलेगा तथा बिंदु संख्या 4 पर रखने पर अधिकतम आउटपुट मिलेगा, क्योंकि प्राइमरी वाइंडिंग में कम टर्न होने पर सेकेंडरी में अधिक आउटपुट मिलती है |

Tap changing of transformer on off load

Tape changing of Transformer

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